हे! भोले भंडारी तेरा, ऊँची बड़ी अटारी है


हे! भोले भंडारी तेरा,
ऊँची बड़ी अटारी है।
तेरी महिमा अपरंपार ,
लगती सबसे न्यारी है।
हे! भोले भंडारी....।
सब धर्मों के महा ग्रंथ हो,
तुम ही जग के प्रेम ग्रंथ हो।
देवो के देव,महादेव तुम ,
जन सृष्टि के धारी है।
हे! भोले भंडारी...।
तुमने स्वयं ही विषपान किया,
और सबको अमृत दान दिया।
तेरी कृपा से ही प्रभु,
जग में हरी ये क्यारी है।
हे! भोले भंडारी...।
तुम अर्धनारीश्वर -रामेश्वर,
तुम ही भोले विश्वनाथ हो।
हम भोले के भक्त बम भोले,
तुम ही शिव कैलाश नाथ हो।
तेरी लीला हे! महादेव,
लगती सबको प्यारी है।
हे! भोले भंडारी....
तुम भूत-वर्तमान-भविष्य हो,
त्रिकाल दर्शी महाकाल हो।
काल की भी क्या बिसात है?
पापनाशक दण्ड विशाल हो।
श्रीशंकर लोकहित संसारी है ।
हे!भोले भंडारी....!!
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**एकता कुमारी**

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