कारगील विजय दिवस पर डॉ अलका पाण्डेय

कारगील  विजय दिवस पर 
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 
शीर्षक - विजय 

वंदन करती हूँ,
अभिनंदन करती हूँ !!

तुम्हें सलाम भारत के नवजवानों ...
तुम ठहरे देश के प्रहरी भारत के जवानों !!

भारत माँ की शान हो 
वतन के रखवाले  हो !!

गुणगान तुम्हारा करते है 
तुमको सलाम करते है !!

देश की ख़ातिर जान लड़ाते 
दुश्मन के तुम छक्के छुड़ाते !!

भारत देश का मान बढ़ाया 
विजय तिलक करवाया !!

हर्षोंल्लास से मनाए हम त्यौहार 
दिया विजय का प्यारा उपहार !!

गगन चूमने का अदम साहस रखते !
सीना ठोक के लड़ते दुश्मन से न घबराते !!

 तुम्हारी हिम्मत और ताक़त साहस के चर्चे होते 
अमन चैन से रहते हम भारतवासी !!


धरती माँ की रक्षा करने जान लड़ाते हो !
सीमा पर रह कर गम को ख़ुशियाँ देते हो !!

कारगील पर विजय पताका फेराया 
भारत देश ने विजय का जश्न मनाया !!

वंदन करती हूँ,
अभिनंदन करती हूँ !!

तुम्हें सलाम भारत देश के नवजवानों ...
तुम ठहरे देश के प्रहरी देश के नवजवानों  !!

भारत माँ की शान हो 
वतन के रखवाले  हो !!

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 
शीर्षक - विजय 

वंदन करती हूँ,
अभिनंदन करती हूँ !!

तुम्हें सलाम भारत के नवजवानों ...
तुम ठहरे देश के प्रहरी भारत के जवानों !!

भारत माँ की शान हो 
वतन के रखवाले  हो !!

गुणगान तुम्हारा करते है 
तुमको सलाम करते है !!

देश की ख़ातिर जान लड़ाते 
दुश्मन के तुम छक्के छुड़ाते !!

भारत देश का मान बढ़ाया 
विजय तिलक करवाया !!

हर्षोंल्लास से मनाए हम त्यौहार 
दिया विजय का प्यारा उपहार !!

गगन चूमने का अदम साहस रखते !
सीना ठोक के लड़ते दुश्मन से न घबराते !!

 तुम्हारी हिम्मत और ताक़त साहस के चर्चे होते 
अमन चैन से रहते हम भारतवासी !!


धरती माँ की रक्षा करने जान लड़ाते हो !
सीमा पर रह कर गम को ख़ुशियाँ देते हो !!

कारगील पर विजय पताका फेराया 
भारत देश ने विजय का जश्न मनाया !!

वंदन करती हूँ,
अभिनंदन करती हूँ !!

तुम्हें सलाम भारत देश के नवजवानों ...
तुम ठहरे देश के प्रहरी देश के नवजवानों  !!

भारत माँ की शान हो 
वतन के रखवाले  हो !!

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई

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