वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ ,जनमानस का अभिनन्दन हो



वायु -वीर राफेल श्रेष्ठ ,जनमानस का अभिनन्दन हो
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चूमी है भारत की धरती ,
तिलक-भाल मय चन्दन हो ।
है वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ ,
जनमानस का अभिनन्दन हो ।।
नाम सुने दुश्मन घवराये ,
राह बनो वह वर्जन हो ।
स्वागत आकाश के दीप्तिमान ;
सदा आपका गर्जन हो ।।
पंखों का फैलाव तुम्हारा,
"सोने की चिडिया "को प्यारा ।
इतिहास सैन्य का बदलोगे,
तुम ही  हो आंखोँ का तारा ।।
दर्द दिये जिसने भी हमको ,
दु:ख दर्द-ए भंजन हो ।
है वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ,
जनमानस का अभिनन्दन हो ।।
आज चोहत्तर है आजादी ,
आजाद अमिट पल गान करूँ ।
अडिग रहे आजादी तुमसे ,
तन-मन से सम्मान करूँ ।।
मजबूत और प्रतिबद्ध फलक ,
अभैध्य भारती वन्दन हो ।
है वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ,
जनमानस का अभिनन्दन हो ।।
आकाश ज्योति स्पर्श करो ,
यज्ञ पुण्य व्रत बनना ।
विष्णुगुप्त के चन्द्रगुप्त हो ,
भारत अखंड का सपना ।।
तुम ही हो सम्पूर्ण हिमालय,
स्वयं मारूती नंदन हो ।
है वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ ,
जनमानस का अभिनन्दन हो ।।
चेतक जैसी बनो वीरता ,
लक्ष्मीबाई की तलवार बनो ।
गांधी की बनकर के लाठी ,
शेखर भगत की ढाल बनो ।।
सृजन "अनुज "का हो ऐसा ,
दुश्मन के घर में क्रंन्दुन हो ।
है वायु-वीर राफेल श्रेष्ठ ,
जनमानस का अभिनन्दन हो ।।

डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश )



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