आंधी से अनुबंध कर ,चुप हैं पीपल आम।। पौधों को सहना पड़े, इस छल के परिणाम।।

 
दोहे,,,,
आंधी से अनुबंध कर ,चुप हैं पीपल आम।।
पौधों को सहना पड़े, इस छल के परिणाम।।

रस्ता है कांटो भरा ,हम हैं नंगे पांव।।
आंखों पर पट्टी बधी, बहुत दूर है गांव।।
मृगतृष्णा सी जिंदगी, जिसमें भटके लोग।।
जीवन जल संदर्भ है ,एक अनुपम संयोग।।
विपदा बस जब कृषक ने,
 बेचा अपना खेत।।
मिट्टी रोई फूटकर, मैंडैं हुई अचेत।।
इच्छाएं घर से चलीं, कर सोलह श्रृंगार।।
लौटी हैं बेआबरू, हो घायल हर बार।।
वृंदावन राय सरल सागर एमपी
जीवन जल संदर्भ है,इक अनुपम संयोग।।
वृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525

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