तारा दूर चला गया, कोनी रहा समीप।
हास्य के कोहिनूर थे, कलाकार जगदीप।
कलाकार जगदीप, सीप था मोती आला।
सूरमा भोपाली, रोल तो करा निराला।
हसाणे म्ह माहिर, हास्य का बड़ा सितारा।
दुनियादारी छोड़, दूर होग्या वो तारा।
- भूपसिंह 'भारती'
Badlavmanch
0 टिप्पणियाँ