मंच को सादर नमन 🙏🙏💐💐
विषय : हंसवाहिनी वंदना 🙏🙏
हंसवाहिनी मां शारदे तू
ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दे..
तम को मन से दूर कर तू
राग जीवन में तू भर दें..
जग के छल, माया, प्रपंच से
माँ तू मुझको दूर कर दें..
माँ तू हैं मेरे जीवन की ज्योति
तू ही हैं मेरी तन - रूचि..
तुझमे हैं करुणा- तरलता माँ
मुझमे भी संचार कर दें..
माँ मैं हूँ तेरी "शालिनी " तू
ही हैं मेरी पथ - प्रदर्शिका
ज्ञान की भंडार तू हैं माँ
मुझमे भी आशीष भर दें
हंसवाहिनी माँ शारदे तू
ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दें... !!
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"शालिनी कुमारी "
शिक्षिका
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
(स्वरचित मौलिक कविता )
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