बदलाव मंच
हांइकु -डॉ अलका पाण्डेय
कृश है काया
समस्या का पिटारा
वृद्ध का रोना
अंत समय
कितने अरमान
मन में जन्में
आया कोरोना
घोर निराशा छाई
मन में आस
दान भी देते
शोहरत भी पाते
न्युज में छाते
मदिरालय
लगी लम्बी क़तारें
भूले कोरोना
मृत्यु का भय
मदिरा ने भगाया
साक़ी है मस्त
मयखाने में
शोर बहुत हुआ
प्याला छलका
सुरा का जश्न
मंदिर काबा बंद
हाथो में प्याला
भूख पे भारी
मदिरा का पैमाना
साक़ी दीवाना
कोरोना राज
विश्व हुआ बेहाल
बनी न दवा
कैसा राजस्व
सरकार अमीर
मरे जनता
प्यास है भारी
कोरोना से बैखौफ
सुरा में लीन
कोरोना रोग
थम गया संसार
प्रकृति ख़ुश
नाराज़ धरा
कोरोना वायरस
मौत की जंग
खुली दुकानें
प्राण लगा है दांव
राजस्व बढ़ा
सुरा सुराही
खुले है मयखाने
नाचे है हाला
डॉ अलका पाण्डेय
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