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जो सनातन है सत्य झुठलाओ नही ,
करो रक्षा राम मन्दिर सजाओ सही।
राम बिन नर जीवन का मोल है कहाँ ,
आगे आओ अब देरी लगाओ नही ।
याद रख हरि मृत्यु निज औकात को ,
आग घर में ही अपने लगाओ नही।
पद पैसा व निज स्वार्थ ना धंसो,
लोभ मोह में पतित बन जाओ नही।
लख चौरासी में श्रेष्ट मानव का तन ,
पाप पंक में कभी इसको डुबाओ नही ।
संत शास्त्र और सर्व सम्मत कहे,
नासमझ बन सत्य धर्म मिटाओ नही ।
हाल अपना ना सांप छछुन्दर की करो ,
पहले सोचो पीछे पछताओ नही।
मान सम्मान यश लो "कवि बाबूराम"
आज कल अपना मुश्किल बनाओ नही।
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बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
गोआलगंज (बिहार )
मो0नं0- 9572105032
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On Sun, Jun 14, 2020, 2:30 PM Baburam Bhagat <baburambhagat1604@gmail.com> wrote:
🌾कुण्डलियाँ 🌾*************************1पौधारोपण कीजिए, सब मिल हो तैयार।परदूषित पर्यावरण, होगा तभी सुधार।।होगा तभी सुधार, सुखी जन जीवन होगा ,सुखमय हो संसार, प्यार संजीवन होगा ।कहँ "बाबू कविराय "सरस उगे तरु कोपण,यथाशीघ्र जुट जायँ, करो सब पौधारोपण।*************************2गंगा, यमुना, सरस्वती, साफ रखें हर हाल।इनकी महिमा की कहीं, जग में नहीं मिसाल।।जग में नहीं मिसाल, ख्याल जन -जन ही रखना,निर्मल रखो सदैव, सु -फल सेवा का चखना।कहँ "बाबू कविराय "बिना सेवा नर नंगा,करती भव से पार, सदा ही सबको गंगा।*************************3जग जीवन का है सदा, सत्य स्वच्छता सार।है अनुपम धन -अन्न का, सेवा दान अधार।।सेवा दान अधार, अजब गुणकारी जग में,वाणी बुध्दि विचार, शुध्द कर जीवन मग में।कहँ "बाबू कविराय "सुपथ पर हो मानव लग,निर्मल हो जलवायु, लगेगा अपना ही जग।*************************बाबूराम सिंह कविग्राम -बड़का खुटहाँ, पोस्ट -विजयीपुर (भरपुरवा)जिला -गोपालगंज (बिहार) पिन -841508 मो0नं0-9572105032*************************मै बाबूराम सिंह कवि यह प्रमाणित करता हूँ कि यह रचना मौलिक व स्वरचित है। प्रतियोगिता में सम्मीलार्थ प्रेषित।हरि स्मरण।*************************
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