हमको भी यारों जाना , तुमको भी यारों जाना ,
तू माटी का है पुतला , माटी में है मिल जाना ॥
कब किसको यारों जाना, ये कोई ना ठिकाना ,
हमको भी यारों जाना , तुमको भी यारों जाना ॥
कब किस के कंधे, किसका जनाजा है जाना ,
ये कोई नहीँ जाना , ये कोई नहीँ जाना ॥
जब मौत ने पुकारा ' कुछ भी ना काम आया ,
मरते हुए कॊ यारों , कोई ना बचा पाया ॥
ये दौलत और अटारी , सब यहीं रह जाना ,
है खाली हाथ जाना , है खाली हाथ जाना ॥
ये बेटा , बेटी ,बीवी , कोई ना साथ जाना ,
अकेला निर्दोष आया , अकेला ही जाना ॥
तू माटी का पुतला , माटी में है मिल जाना ,
मुठी बांधे आया , हाथ पसारे जाना ॥
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद 6201698096
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