🙏मंच नमन 🙏
साप्ताहिक प्रतियोगिता
दिन - बुद्धवार
दिनांक - 19-8-2020
विषय - नियति /भाग्य
विधा - कविता
हे मानव! कर तू अपना काम.. अपना काम,
जग में आया है तो कर कुछ ऐसा काम l
हो जाय तेरा अपना नाम... अपना नाम l1l
इस मानव तन को व्यर्थ मत कर,
अर्थ इस मानव तन का समझ कर l
निर्धारित अपना लक्ष्य कर पूरा कर....पूरा कर l2l
*मानव जीवन है अनमोल*इसे समझ कर ,
प्रयत्न कुछ करने का कर l
जाने जिस से तुझे जहां कुछ ऐसा ही कर.... ऐसा ही कर l3l
लिया जन्म जब कर्म प्रधान देश में,
कर्म से भाग्य भी बदला है इस देश में l
गौरवशाली इतिहास गवाह रहा है इस देश में.... इस देश में l4l
अनेकों महापुरुषों ने कर्म से बनाई अपनी पहचान इस जगत में,
आज भी बना रहे हैं अपने कर्म से अपनी पहचान इस जगत में l
हे मानव! तू भी बना अब अपनी पहचान इस जगत में.... इस जगत में l5l
तू बन अपने भाग्य का स्वयं निर्माता,
भाग्य पर मत कर भरोसा l
करे भाग्य पर वह भरोसा जिसमें पौरुष नहीं होता...नहीं होता l6l
कुछ लिखा भाग्य में ब्रह्मा से मनुज नहीं लाया है,
अपने पुरूषार्थ से अर्जित ऐश्वर्य का ही दूसरा नाम सौभाग्य है l
आज का पुरूषार्थ ही कल का भाग्य है.... भाग्य है l7l
भाग्य करे साहसी मनुष्य की सहायता,मत कोस भाग्य को,
कर्म ही पूजा है, कर्म की जीवन है, कर्म ही पहचान है मान इस को l
हे मानव! मत बैठ अपने भाग्य पर कर अपने काम को.... अपने काम को l8l
रचनाकार का नाम - सविता मिश्रा
(शिक्षिका, समाजसेविका और कवियत्री )
पता - वाराणसी उत्तर प्रदेश
📣📣📝स्वरचित और मौलिक रचना 📝
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