सीता माता महिमा

आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है आज अयोध्या मे राम मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास होगा सभी धर्म प्रेमियों को हार्दिक शुभकामनाएं
इस शुभ अवसर पर सीता मैय्या के चरणों मे काव्य रुपी पुष्प अर्पित कर रहा हूँ

  सीता माता महिमा

जग जननी सीता माता तुम्हें प्रणाम
सारा विश्व करे तेरा गुणगान
तेरी महिमा का करे बखान
पतिव्रता सतित्व तुम्हारी पहचान
नारी जाति का बढाया  मान

जनक नंदनी मिथिला की प्यारी
छवि तुम्हारी बडी ही न्यारी
मिथिला की लाडली राजकुमारी
माता सुनयना पिता जनक की राजदुलारी

 राजा जनक ने स्वंय रचाया
बडे बडे राजाओं को बुलाया
अयोध्या का राजकुमार ऋषि विश्वामित्र अनुज लखन संग आया
शिव का धनुष तोडना थी एक शर्त
राजा जनक ने लिया था ब्रत
राजाओं ने जोर लगाया
कोई उस धनुष को तोड़ नहीं पाया
मिथिला नरेश का दिल भर आया

    ऋषि विश्वामित्र के आदेश पर प्रभु राम ने शिव धनुष को तोड़ा
मिला चंद्र चकोर का जोड़ा
जनकपुरी से छूटा नाता
अवधपुरी से जोडा
कोमल थी वो कली
महलों मे वो पली
वनवास को चली
पतिव्रता थी वो नारी
वनगमन की करी तैयारी

राम ने उन्हें बहुत समझाया
माता सीता ने पत्निधर्म निभाया
पत्निधर्म की रखी लाज
त्याग दिया महारानी का ताज

  वनवास मे सदा रही साथ
थामै रखा प्रभु का हाथ

   रावण ने सीता का अपहरण किया
गिद्दराज जटायु ने पापी का सामना किया
लड़ी रावण से भीषण लड़ाई
 जटायु ने अपनी वीरता दिखाई
अंत मे जटायु ने वीरगति पाई
   लंका मे सीता ने आत्मबल दिखाया
लंकेश का हर प्रलोभन ठुकराया
त्रिजटा ने सीता को बेटी बनाया
हर तरह से माता सीता का मनोबल बढाया

    राम ने लंका पर की चढाई
वानरों की मदद से छेड़ी लड़ाई
अंत मे लंका पर विजय पाईं

सीता मैय्या ने दी अग्नि परीक्षा
पूरी की विधाता की इच्छा
अग्नि परीक्षा मे सफल रही सीता
निष्कपट हो कर निकली सीता

   हर चुनौती को हस हस कर झेला
वीर लव कुश की तुम माता
धरती पुत्री विशेष था नाता
मैय्या गुणगान करूं तेरा सुबह शाम
हे माता तुम्हें प्रणाम


          अशोकशर्मा वशिष्ठ

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ