कवयित्री प्रतिभा प्रभाती कुमकुम जी द्वारा 'प्रतिभा प्रभाती' विषय पर रचना

(024)           🙏🏻 *प्रतिभा प्रभाती* 🙏🏻

काल कोरोना जाएगा , स्वर्णिम प्रभात लाएगा ।
अनलॉक डाउन हो रहा , नव जीवन है लौट रहा ।
आया सावन झूम के , तन मन हर्षाया घूम के ।
मात तात को वंदन कर , गुरु को चरणन लागी ।
अरि मित्र को भेजिए , माथे रोली चंदन ।
मुझको करना है सबका , नित नित ही अभिनंदन ।
हे प्रिय मित्र हमारे , स्वीकार करें नित्य नमन वंदन ।।


🌹 *प्रतिभा प्रसाद कुमकुम*
        दिनांक  24.8.2020......
        सर्वाधिकार सुरक्षित मौलिक 

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