प्रख्यात कवयित्री की कलम माउंटेन मैन के नाम

🙏मंच नमन 🙏
विषय - दशरथ मांझी (पर्वत पुरुष ) की पुण्य तिथि हेतु         (17-8-2007 ) 
दिनांक - 17-8-2020
दिन - सोमवार
विधा - कविता

चलते हैं सभी दूसरे के बनाये हुए रास्ते पर,
चले जो खुद के बनाये रास्ते पर l
दूसरे भी चले उसके बनाये रास्ते पर ll
थे वो पर्वत पुरुष दशरथ मांझी.... l1l

कुछ नहीं कर सकता है एक अकेला व्यक्ति,
मिथ्या साबित किया जिस व्यक्ति ने l
साहस और हौसले का दिया परिचय जिस व्यक्ति ने ll
थे वो पर्वत पुरुष दशरथ मांझी..... l2l

संकल्प लिया पहाड़ को तोड़ कर रास्ता बनाने का,
एक छैनी और एक हथौड़ा की सहायता से l
बनाया रास्ता पूरे बाईस साल के अथक प्रयास से ll
थे वो पर्वत पुरुष दशरथ मांझी....... l3l

संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफ़लता में दुनिया उसके साथ होती है l
जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी ने ही इतिहास रचा है l
किया साबित जग में जिसने
थे वो पर्वत पुरुष दशरथ मांझी......l4l

360 फीट लम्बी, 30 फीट चौड़ी और 25 फीट ऊँची बनाया रास्ता, 
पहाड़ का सीना चीर कर उसके गुरूर को तोड़ा l
*मेहनत ही सफ़लता की कुंजी है * साबित जिसने किया ll
थे वो पर्वत पुरुष दशहरा मांझी.......... l5l

आगरा का ताजमहल शाहजहाँ ने मुमताज बेगम की याद में बनवाया ,
बिहार में पहाड़ों से रास्ता अपनी पत्नि फागुनिया की याद में खुद ही बनाया,
थे वो पर्वत पुरुष दशहरा मांझी....l6l
आज उनकी पुण्य तिथि पर चढ़ाती हूँ अपनी श्रद्धा सुमन
करती हूँ मैं शत शत नमन l

✒रचनाकार का नाम - सविता मिश्रा
                   (शिक्षिका, समाजसेविका और कवियत्री )
पता - वाराणसी उत्तर प्रदेश
📝📝स्वरचित और मौलिक रचना 📝📝

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