विषय : वो आंँखें
विधा : कविता
आज भी याद है वह आंँखें मुझको ।
हो गई देखे एक जमाने तुझको ।।
ये दिल तेरा हो गया उसी दिन ।
तुझे मन में अपना बना लिया उसी दिन ।।
अपनी चाहत से ही दीदार करता हूं ।
हद से भी ज्यादा प्यार करता हूं ।।
तेरी हर वह लफजें स्वीकार करता हूं ।
आज भी लौटने का इंतजार करता हूं ।।
ये दिल सिर्फ तेरे नाम से धड़कती है ।
मेरी आंँखें तुझे देखने को तरसती है ।।
✍️ नंदन मिश्र ( छात्र, श्रृंगार रस कवि )
जहानाबाद, बिहार
📞73230 72443
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