कवि एल.एस.तोमर जी द्वारा रचित काव्य

नमन मंच
 *बदलाव मंच* 

          भारत माता की जय

आओ याद उन्हें करें हम  पूरे सम्मान से।
जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे। जन

फांसी के फंदे पे  लटके वो हंसते हंसते शान से।
देश पे मिट गए जो सच्चे दीनो ईमान से।

वीर शिवाजी भगत सिंह एक हमीद की बोली थी।

एक से बढ़ कर एक ने खेली खून की होली थी।

मंगल पांडेय चन्द्र शेखर देखो गोली मारी खुद को स्वाभिमान से।
 जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे। १/


सबसे आगे चलती वो बापू की लाठी थी।

थी ताकत पूरी जिसमें, गान अहिंसा का गाती थी।

गाल दूजा नहीं किया आगे गुरु ने, मारा मुक्का तान के।

जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे।२/

सुभाष देखो खून मांग के , खून से खुद को साना था।

उठाई तलवार झांसी की रानी ने, भाला भारत की हर बाला ने ताना था।

घबराए नहीं वो किसी भी कमान से।

जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे।३/

जालियां वाला बाग वो , डायर ने खून की होली खेली थी।

नहीं हटे पीछे वीर वो, धीर होकर सीने पे गोली झेली थी।

आंखे भर आती हैं उन वीरों के पीर भरे बलिदान से।

जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे।४/


लाजपत राय, पटेल का एकता का नारा था।

घर में घुस कर उधम सिंह ने डायर को मारा था।

मां ने बेटा बहिन ने भाई प्यारा, देश पे वारा था।

करते आज नमन हम उनको जन मन के गुण गान से।

जान जिन्होंने लुटा दी भारत मां की आन पे।५/
आओ याद उन्हें करें हम  पूरे सम्मान से।

मौलिक रचना
एल एस तोमर मुरादाबाद यूपी

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