सादर समीक्षार्थ
विधा - बाल कविता
विषय - तितली रानी
तितली रानी, तितली रानी
तुम रंग बिरंगे से, पंखों वाली
सबके मन को, हो तुम भाती
बहुत ही तुम हो, प्यारी लगती..।।
फूल फूल पर, तुम इठलाती
झूम झूम कर, नाच दिखाती
पराग सभी, फूलों का लाती
फुर्र से तुम हो, उड़ जाती..।।
बच्चों को तुम, खूब ललचाती
तुम्हारे पीछे, सब दौड़ लगाते
तुमको कभी ना, पकड़ ही पाते
बच्चों को तुम, खेल खिलाती..।।
बैर भाव तुम, सब दूर कराती
सबको तुम संग, लेकर चलती
बच्चों से भी तुम, तो डर जाती
प्यार सभी का, हो तुम पाती..।।
डॉ.राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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