कवयित्री- आदरणीय सुशीला साहू "विद्या" जी द्वारा अद्भुत रचना...

*आज का छंद-------लक्ष्मी छंद*
*परिचय----------अष्टाक्षरावृति*
    *----212 - 212 - 2 - 1----*

राष्ट्र प्रेमी देश जान ।
गीत गाओ सदा शान ।।
हिन्द भाषा बसे प्राण ।
कामना है करो त्राण ।।1।।

श्वेत रंगों सदाचार ।
हिन्द भाषा यही सार ।।
पुत्र तेरा सदा वीर ।
बोल हिन्दी रहो धीर ।।2।।

मैं झुकाऊँ सदा माथ ।
मात तेरा रहे साथ ।।
देश सेवा करे लोग ।
थाल मेवा चढ़े भोग ।।3।।

तीन रंगों मुझे प्यार ।
मात गंगा बहे धार ।।
मातृभाषा देश शान ।
करो संकल्प हो मान ।।4।।

*सुशीला साहू "विद्या"*
*रायगढ़ - छत्तीसगढ़*

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