*परिचय----------अष्टाक्षरावृति*
*----212 - 212 - 2 - 1----*
राष्ट्र प्रेमी देश जान ।
गीत गाओ सदा शान ।।
हिन्द भाषा बसे प्राण ।
कामना है करो त्राण ।।1।।
श्वेत रंगों सदाचार ।
हिन्द भाषा यही सार ।।
पुत्र तेरा सदा वीर ।
बोल हिन्दी रहो धीर ।।2।।
मैं झुकाऊँ सदा माथ ।
मात तेरा रहे साथ ।।
देश सेवा करे लोग ।
थाल मेवा चढ़े भोग ।।3।।
तीन रंगों मुझे प्यार ।
मात गंगा बहे धार ।।
मातृभाषा देश शान ।
करो संकल्प हो मान ।।4।।
*सुशीला साहू "विद्या"*
*रायगढ़ - छत्तीसगढ़*
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