मंच को नमन
21/9/2020
सोमवार
स्वरचित...
विषय-रोटी
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गरीबों की भूख हैं रोटी,
धनवानों की डबलरोटी।
हरकिसी से नित्यकर्म,
देखो रोज कराती रोटी।
आटा से ये बनती,
अग्नि मे ये पकती।
थाली मे सजती रोटी।
एक न होते हम तो,
रोटी एक न होती ।
राम और रहीम की,
अलग अलग होती रोटी।
"योगिता "का हैं संदेश,
एकता बनाइये।
भारतीय मूलमंत्रो को,
दमकाइये।
यही रोटी को हर,
थाली मे सजाइये।
स्वरचित....
योगिता चौरसिया
अंजनिया मंडला(म.प्र.)
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