सादर समीक्षार्थ
विधा - साइली छंद
1 - खुशियाँ
मिले सबको
विपदाएं हों दूर
रहें सभी
प्रसन्न
2 - गणपति
तुम आओ
विपदा मिटाओ सभी
तुम्हें सब
पुकारें
3 -- विघ्नहर्ता
मंगलमूर्ति भी
तुम ही हो
कष्ट हरो
सबके
4 - अवतार
लो प्रभु
तुम फिर से
भाग्योदय होंगे
हमारे
5 - जीना
हुआ दूभर
कृपा करो प्रभु
बिगड़ी तुम
बनाओ
6 - अधर्मी
हुई सृष्टि
प्रभु दया करो
दो ज्ञान
सबको
7 - पालनहार
तुम हो
प्रभु , विपत्ति दूर
कर दो
सबकी
8 - जीवन
राह दिखाओ
चारों ओर फैला
अंधकार, मेरे
प्रभु
9 - नीलकण्ठ
महामारी से
बचाओ, तुमने सदा
ही सृष्टि
बचाई
10 - भोलेनाथ
फिर अवतारो
जीना हुआ दुश्वार
सभी हुए
परेशान
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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