❤️पर्दे के पीछे❤️
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एक हँसते इंसान के पीछे,
कितना दर्द छुपा रहता है।
मौत को गले लगाकर के,
चीख-चीख कर कहता है।
मासूम सा प्यारा अभिनेता भी,
कितनें दर्द में रहता है।
पर्दे के पीछे की दुनिया,
का सच घिनौना रहता है।
लोंगों के असली चेहरों पर,
एक नकली चेहरा रहता है।
एक इंसानी चेहरे के पीछे,
शैतान छुपा भी रहता है।
अपनी ईर्ष्या जलन के वश में,
इंसानियत की हत्या करता है।
'एक चमकते तारें' के आत्म-बलि
सें सबका नकाब उतरता है।
ये दुनियाँ भी है चित्रपट सी,
अपना अभिनय सब करतें है।
चेहरे के ऊपर नया मुखौटा,
लेकर सारी दुनियाँ को छलते है।
पर्दे के ऊपर नकली अभिनय,
असली जीवन मे भी करतें है।
बड़े से नाम है जिनके दुनिया में,
इतनें घिनौना चेहरा भी होता है।
यकीन नही होता इस दुनियाँ में,
सच्चाई- ईमान की हत्या भी होती है।
आत्मा तो मरी हुई, दिल-दिमाग भी सोता है।
एक मुस्कान ओढ़कर एक नकली,
भोली छवि दिखाकर अपनें को ढकता है।
पर्दे के पीछे की दुनिया का सच,
एक नकली चित्रपट सा दिखता है।
इंसानी चेहरों पर कितनें नकली चेहरें ?
हक़ीक़त मुश्किल से दिखता है।
💐समाप्त💐
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:-शशिलता पाण्डेय
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