कवि- आदरणीय रमेश चंद्र भाट जी द्वारा सुंदर रचना

दिनांक--17-09-2020

शीर्षक-वर्णमाला- स्वर
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स्वरचित रचना
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 *अ*  = अ अक्षर अविनाशी को,
 *आ* = आधार जगत का जानो।
 *इ*   = इसीलिए हरऐक कण में,
 *ई*  =  ईश्वर की सत्ता को मानो।
 *उ*  =  उसके   सभी   है   बन्दे,
 *ऊ* =  ऊँच -  नीच   ना   माने।
 *ए*  =  एक  ही   परमपिता  है,
 *ऐ*  =  ऐसा  सब  जन  मानो।
 *ओ* = ओम नाम भजो प्रभुका,
 *औ* = और किसे  मत  मानो।
 *अं*  = अंहकार ओर क्रोध मोह,
 *अः* = दुःख का कारण  जानो।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट,
पता-टाईप-4/61-सी,
रावतभाटा, चितौड़गढ़,
राजस्थान।
मो.9413356728

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