शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली) जी द्वारा बेहतरीन रचना#

बदलाव मंच (राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सप्ताह प्रतियोगिता)
मंच को नमन 
दिनांक :30/09/2020
विषय : गांधीजी,अहिंसा और प्रेम
विधा :कविता 
*गांधीजी अहिंसा और प्रेम*

अरे भाई यह कौन है? 
एक दुबला पतला व्यक्ति
हॉड माँस का पुतला  
चश्मा पहने हुए
आधी धोती पहने 
बाकी से बदन ढके 
पैर में चप्पल
धोती के ऊपर घड़ी लटकाए
एक दृढ़ विश्वास 
अदम्य साहस के साथ 
अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन 
नमक कानून दांडी यात्रा पर 
देश की आजादी के लिए 
सत्य, अहिंसा, और राष्ट्र प्रेम 
यह थे इनके लड़ाई के औजार
अंग्रेजो को मजबूर किया, 
भारत देश छोड़ने को 
स्वदेशी निर्मित वस्तुओं को, 
अपनाओ पर जोर दिया 
छुआछूत का उध्दार किया 
मंदिरापान भी निषेध किया 
हिंदी राष्ट्र की भाषा हो जोर दिया 
दिन दुखियों से अथाह प्रेम किया 
इनके ही थे आदर्श तीन 
बुरा मत देखो, सुनो और कहो 
इनके ही थे सिद्धांत तीन 
सत्यवादी,राष्ट्रवादी,अहिंसावादी 
यही है राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी,महात्मा गांधी

शिवशंकर लोध राजपूत 
(दिल्ली)

यह मेरी स्वरचित व मौलिक रचना है !

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