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एक कैनवास है जीवन अपना,
सपनों का रंग भरना है।
एक सुन्दर कलाकृति बनाकर
सतरंगी सपनों से रंगना है।
अपनें सपनों की जैसी छवि,
जीवन मे तुम बनाओगे।
अपनी आकांक्षाओं के जैसा,
सुन्दर सा जीवन पाओगें।
मेहनत और ईमानदारी के रंगों,
से तुम बारीकी से सजाओगे।
जितनी सुन्दर हो कलाकृति,
मोल उसका अनमोल होगा।
रंग-बिरंगे रंगों से जीवन ,
का एक सुनहरा रंग होगा।
जीवन के इस कैनवास में
रंग भरते है झूठ फरेब कें।
झूठे चित्र और नकली रंगो से,
ठगते है सारी दुनियाँ को।
उसके कैनवास का नकली ,
रंग थोड़े सी ही बारिश में
सारा धुलकर मिटता है।
इस दुनियाँ के कैनवास तो,
सुन्दर दिखता है सच्चें रंग से।
मेहनत का रंग मिला दोगें,
एक सुनहर्रा रंग बिखरता है।
अपनें जीवन के कैनवास पर,
हम कैसा रंग फैलाते है?
मर्जी है वो अपनी-अपनी,
हम कौन सा रंग बिखराते है।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:-शशिलता पाण्डेय
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