हिन्दी की बिंदी#डॉ अलका पांडेय जी द्वारा अद्वितीय रचना#

हिंदी की बिंदी 
हिंदी की बिंदी भारत की शान हैं !
भारत माता के भाल की बिंदी देश का स्वाभिमान है ! 
जन जन की बोली है हिंदी धड़कन में घोली है हिंदी 
हिंदी  बहुत महान है !
हिंदी  हिंदुस्तान का  मान और स्वाभिमान है !!
हिंदी हिंदुस्तान है , हिंदी की बिंदी न्यारी है !!

हिंदी में रचित सारे वेद पुराण है ! 
हिंदी में पढ पढ़ कर सुशिक्षित है !!
अंग्रेज़ी बोलो तुम पर हिंदी की उपेक्षा मत करो !
अपने लोगों से प्यार पाने के लिए 
हिंदी अपेक्षित है. !!
हिंदी हिंदुस्तान है , हिंदी की बिंदी न्यारी है !!

हिंदी में है स्वर व्यंजन अलंकार शब्दों का श्रृंगार  !
हिंदी पढ़ कर लिख कर करते हम मातृ भाषा का शृगांर 
हिंदी पढकर बने साहित्यकार !!
हिंदी में नौकरी होगी , देश की उन्नति होगी !
हिंदी से ही होता हिंदी साहित्य समृद्घ साकार !!
हिंदी हिंदुस्तान है , हिंदी की बिंदी न्यारी है !!

जब तक धरती माता और गगन है ! 
जब तक सागर की लहरे और पवन है !!
भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी रहेगी 
जब तक मानव से मानव का नाता हैं ! !
हिंदी हिंदुस्तान है , हिंदी की बिंदी न्यारी है !!

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 
मौलिक

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