डॉ. राजेश कुमार जैन जी द्वारा बिषय अहिंसा पर बेहतरीन रचना#

सादर समीक्षार्थ
 विषय    -      *अहिंसा*
विधा      -        घनाक्षरी
 अहिंसा परमो धर्म, 
   सब से ही प्यार करो, 
     मत करो हिंसा कभी, 
          _मिल जुल रहिये।।_

 सत्य की ही जीत होती, 
     प्रेम में ही शक्ति होती, 
         बैर भाव मत रखो, 
            _सभी को भी कहिये..।।_

जब तक प्राण तन, 
    करें सदा नेक कर्म, 
      जीवन जीने के लिए, 
          _परहित करिये..।।_

भाग्य लेके आते सब, 
     कर्म सदा नेक करो, 
        जग में सदा ही तुम, 
            _पाप से भी डरिये।_


 डॉ. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल 
उत्तराखंड

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ