कवयित्री अपराजिता कुमारी जी द्वारा 'अहिंसा दिवस' विषय पर रचना

आज हम लोग महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती मना रहे
मेरी कलम से एक छोटी सी कविता
#महात्मा_गांधी_जी का जन्मदिन मनाएं
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2 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाते,महात्मा गांधी जी के जन्मदिन पर

 विश्व को शांति,सत्य, अहिंसा का मार्ग दिखाया ले ली आजादी,ब्रिटिश से इसी अहिंसा के मार्ग से

 ऊंच-नीच, अमीर गरीब का भेद मिटाकर 
सबको सत्य,स्वदेशी, अहिंसा का मार्ग दिखाए

जीवन जीने का सलीका सिखाया 
अस्पृश्यता का धब्बा मिटाया
साफ सफाई, स्वच्छता का पाठ पढ़ाए

स्वदेशी आंदोलन,भारत छोड़ो आंदोलन   असहयोग आंदोलन  से हिला दी ब्रिटिश सरकार की नींव को

नमक सत्याग्रह से जगा दी भारतीयों के मान, सम्मान,स्वाभिमान को

 12 मार्च 1930 गांधी जी ने यात्रा शुरू की, 
हिलाने ब्रिटिश सरकार की नींव को

अहमदाबाद साबरमती से पैदल शुरू की, 
यात्रा पहुंची 24 दिनों बाद दांडी ग्राम को

78 स्वयंसेवकों के साथ शुरू की, 
358 किलोमीटर दूर दांडी पहुंचते हो गई 50 हजार को

सरोजिनी नायडू,वेब मिलर,अब्बास तैयब जी
और जुड़ गए हजारों नमक सत्याग्रह को

6 अप्रैल 1930 को पहुंचे गांधी जी दांडी, 
 मुट्ठी भर नमक बनाकर,
 तोडा ब्रिटिश राज के
नमक पर एकाधिकार को

ना चलाई लाठी ,ना हिंसा की
न्याय ,अहिंसा, सत्य अपनाकर
हिम्मत दे दी स्वतंत्रता के आंदोलन को

रक्तरंजित विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में हिंसा विश्व की पहचान थी
 उस समय  अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाकर विश्व में भारत को पहचान दी

 ऐनक,धोती,लाठी महात्मा की पहचान थी
 चला के चरखा पहन के खादी
स्वाभिमानी,सत्य,अहिंसा इनकी पहचान थी

हमसब बापू के सपनों का भारत बनाएं
 स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ घर, स्वच्छ नगर,स्वच्छ देश,स्वच्छ विश्व अभियान बनाएं. ... 
                          अपराजिता कुमारी                      *******************

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