क्या ये प्यार है.........
क्या ये भी प्यार ही है
जो पब्लिक जगह में उसके नाम को लिखना
और साथ में उसके संपर्क सूत्र को लिखना।
क्या ये भी प्यार ही है
जिसमें का फ़िक्र तक नहीं रहता है
खुले आम सबके सामने खुली जगह पर
अपने प्रेमी के होठों को चूमना
ये कैसा प्यार है जो
खुले आम रिश्तों को बाजार में यूं उछालना
बाजार में बेशर्म की तरह साथ में घूमना
अगर ये प्यार है तो
उस प्यार को क्या कहेंगे?
जो अपने प्रेमी का हरवक्त ख्याल रखता है
एक दूसरे का हरवक्त फ़िक्र लगा रहता है
अच्छे वक्त में ही नहीं बुरे वक्त में भी साथ देता है।
रुपक ऐसे प्यार को प्यार नहीं हवस मानता है
प्यार ऐसा होना चाहिए जिसमें
एक दूसरे का सम्मान हो
कभी कोई जोड़ जबरदस्ती नहीं हो
जिसे रिश्ते को बाजार में खुले आम नहीं
दिल से उस मोहब्बत के रिश्ते को निभाता हो
मत करो प्यार को बदनाम हूं खुले आम
प्यार सबसे पाक रिस्ता है
इसे दिखाओ नहीं, इसे दिल से निभाओ
जिस तरह से तुम अपने प्यार दिखा रहे हो
इससे पता चलता है कि तुम कितना बड़ा प्रेमी हो
और तुम्हारे अंदर कितना ज्ञान है
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