तेरे दर्शन की अभिलाषी#अशोक शर्मा वशिष्ठ जी द्वारा खूबसूरत रचना#

नवरात्रों के शुभ अवसर पर माता रानी की भेंट प्रस्तुत है
           भेंट
    
     तेरे दर्शन को अभिलाषी
  तू माता है अविनाशी
मेरे घर आ जा आ मांँ
   तू दरस दिखला जा ओ मांँ
    
    मैं हूंँ मैय्या तेरा पुजारी
तेरी लीला है बडी न्यारी
तेरी छवि बडी है प्यारी
तू रक्षक है सदा हमारी

   तू सब की झोलियाँ भरती
भक्तों का दुःख सदा हरती
 
  मैय्या जी मैं बडा अज्ञानी
तेरी महिमा गाए हर प्राणी
सदा बोले अमृतवाणी
मेरे घर आ

      माता मैं हूँ तेरा दास
तुझ पे बडी है आस
बुझा दो प्रेम की प्यास
मेरे घर आ।   

  तुझ से है मेरा इक नाता
तू पूरे जगत की है माता
तेरी कृपा से संकट टल जाता

      अशोक शर्मा वशिष्ठ।

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