कवि डॉ.राजेश कुमार जैन जी द्वारा 'दक्षता' विषय पर रचना

सादर समीक्षार्थ
 विषय   -          दक्षता 


दक्षता पूर्वक किए गए
 कार्य होते सभी सफल
 काम जो भी आप करें 
भाव रखिए अति निर्मल..।।

 दक्षता आती धीरे-धीरे
 धैर्य रखिए बस आप
 अभ्यास करते नित रहें
 दक्ष हो जाएंगे आप..।।

 एकलव्य ने भी किया था
 लक्ष्य भेदने का अभ्यास
 हो गया वह तो निपुण था
सार्थक हुआ उसका प्रयास..।।

 श्री कृष्ण भी कूटनीति में 
हो गए थे अत्यंत ही दक्ष
 पांडवों  के  ही  हृदय  में 
बसते थे वे तो प्रत्यक्ष..।।



 डॉ.राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल
 उत्तराखंड

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ