*माँ कालरात्रि*
*का* क्रोधित रूप देखकर आपका
लगता हमें डर
पढ़ा ग्रंथों में हमने
आपकी इस छवि को
भक्ति भाव से
स्मरण करनेवाले पर
होता शुभ ही शुभ असर
*ल* लक्ष्य हमारा एक ही
मुश्किलें हो हमारी कम
चलते रहे कर्म पथ पर
नाम लेकर आपका हरदम
*रा* राह हमारी
नहीं इतनी आसान
मचा रखा है दिल में
कोरोना ने तूफान
*त्रि* त्रिभुवन की स्वामिनी
दया दृष्टि रखो हम पर
विनती आपसे बस इतनी
इस वैश्विक महामारी का
करो कुछ उपाय
जन-जन बेसब्री से
. कर रहा इंतजार
यही कहने को
बहुजन हिताय - बहुजन सुखाय
सतीश लाखोटिया
नागपुर, महाराष्ट्र
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