सादर नमन मंच
दिनांक--08/10/2020
दिवस -- गुरुवार
आयोजन --कविता
**चिट्ठी /पत्र /खत**
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खत में आया है मांँ का प्यार,
घर से आया बापूजी का दुलार।
प्यार भरी सौगात बसी है इसमें,
जोड़ देता है यह दिल के तार।
जब पहुंँचे यह मेरे घर में,
धूम मच जाए पूरे शहर में।
दुनिया भर की सैर करता है,
देखो डाकिया आया है नगर में।
संदेशा मेरे घर से आया है,
बड़ों का आशीष इसमें समाया है।
बहुत दूरी का सफर करके,
सात समंदर पार से आया है।
यहांँ मात्र खत नहीं मेरा दिल है,
घणी-घणी अक्षरों से सजी सौगात है।
मांँ बाबूजी की यादों का बसेरा इसमें,
इसमें उनके जज्बातों की बात है।
स्वरचित --नीलम डिमरी
देवलधार,,, गोपेश्वर
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