कवि दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" जी द्वारा रचना (शीर्षक-भैया दूज)

बदलाव अंतरराष्ट्रीय-रा
दिनाँक -१६-११-२०२०
विषय-भाई दूज
शीर्षक-"भैया दूज"

भाई बहन के प्यार का
                          है ये पावन त्यौहार
कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया
                    को आता है ये हर बार
यम और यमुना का प्यार
               बना भाई बहन का त्यौहार
यम गए यमुना के घर
                       था वो तिथि का दूज
भाई गए बहन के घर
              इसलिए बन गया भैया दूज
यम ने दिया यमुना को आशीष
         इस दिन भाई जाए बहन के घर
अकाल मृत्यु का नहीं होता भय
              बहन को यही मिला उपहार
भाई के माथे बहन लगाती
            तिलक रोली चंदन अक्षत का
भैया की आयु लम्बी हो
              ये वरदान है प्यारी बहन का
गोवर्धन पूजा के प्रसाद में
             होती है चना मटर की बजरी 
भाई को खिला बहन कहती
              सेहत हो पत्थर जैसी तगड़ी
भाई देता वचन बहन को
                   हर पल उसकी रक्षा को
"दीनेश" भाई बहन का रिश्ता रहे
                भैया दूज त्यौहार बना रहे
              
दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता
रचना मेरी अपनी मौलिक रचना है।

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