मंच को नमन
(देवभूमि के वीर सपूत
जसवंत सिंह रावत को शत् शत् नमन)
शौर्य की मिसाल
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भारत मां के वीर जवान।
चलते अपना सीना तान।
जसवंत सिंह रावत को।
करता है नमन हिंदुस्तान।
गौरवशाली बासठ का दिन।
अंग्रेज गिन रहे थे अपना दिन।
धन्य धन्य है वो मात महान।
सिंह रावत जग गाता गान।
था शौर्य की मिसाल जसवंत।
फेल हुए थे अंग्रेजो के तंत्र।
मातृभूमि को दे जीवनदान।
इतिहास की बन गया पहचान।
महका अदम्य साहस का फूल।
बन गए फूल राह के शूल।
गाते हैं सिंह के गीत सुजान।
राखी भारत की आन बान शान।
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मैं घोषणा करता हूंँ कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
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