कैलाश सराफ "कैलाश" जी द्वारा खूबसूरत रचना

मंच को नमन
बदलाव राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मंच
25 और 26 अक्टूबर की प्रतियोगिता 
दिनांक-2610 2020
विधा-कविता
विषय-सतर्क भारत
           समृद्धभारत !
शीर्षक-मनोबल!!
जिंदगी का दामन बचाकर चलो आज गुलिस्तां को घेरा है कोरोना ने आज।।
चुनौती भरा जीवन है इंसान का,
स्वीकार करो जलाकर दीप साहस का।।
जलाते रहो दीप संयम का धरा पर,
कभी तो छाया अंधेरा मिटेगा।।
आतंक मचाया कोरोना  ने धरती पर, सूझ बुझ की मशाल से यह भी जल जाएगा।।
इस तूफान में कोई सफर ना करें, सतर्क रहो, आया तूफान निकल जाएगा।।
ए मानव संभल नहीं आदेशों को पाला,
तो लेटे-लेटे ही मरघट तक चला जाएगा।।
हर भारतवासी मजबूत धैर्य की मिसाल है,, आत्मनिर्भरता समृद्ध भारत का मनोबल है।। जब तक  दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं  कोई सुनवाई नहीं,
सतर्कता ही समृद्ध भारत की पहचान
 रही।।
धन्यवाद!!
स्वरचित अप्रकाशित मेरी रचना!!
कैलाश सराफ "कैलाश"
पुणे महाराष्ट्र

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