*राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 'बदलाव मंच'*
*साप्ताहिक प्रतियोगिता,*
*दिनांक-17 नवंबर,2020*
*विषय- "दीपोत्सव"*
*दिपावाली 'हेप्पी' कब होती है..?*
*जब मन में हो मौज बहारों की*
*चमकाएँ चमक सितारों की,*
*जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों*
*तन्हाई में भी मेले हों,*
*आनंद की आभा होती है*
*उस रोज़ 'दिवाली' होती है।*
*जब प्रेम के दीपक जलते हों*
*सपने जब सच में बदलते हों,*
*मन में हो मधुरता भावों की*
*जब लहरें फ़सलें चावों की,*
*उत्साह की आभा होती है*
*उस रोज़ 'दिवाली' होती है।*
*जब प्रेम से मीत बुलाते हों*
*दुश्मन भी गले लगाते हों,*
*जब कहीं किसी से बैर न हो*
*सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो,*
*अपनत्व की आभा होती है*
*उस रोज़ 'दिपावाली' होती है।*
*जब तन-मन-जीवन सज जाएं*
*सद्-भाव के बाजे बज जाएं,*
*महकाएं ख़ुशबू ख़ुशियों की*
*मुस्काएं चंदनिया सुधियों की,*
*"प्रकाश" की आभा होती है*
*उस रोज़ 'दिपावाली' होती है।*
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