बृंदावन राय सरल सागर जी द्वारा खूबसूरत रचना#

कविता,,,,12/11/2020
सच्ची वही दिवाली होगी।।
सच्ची वही दिवाली होगी।।
घर घर जब खुशहाली होगी।।

उस दिन तब पूजा की थाली।
कोई कहीं न खाली होगी।।
 
फूल खिले गें सब वृक्षों पर।
भरी फूल से डाली होगी।।

ऐसा उस दिन अवसर होगा।।
दूर सभी कंगाली होगी।।

दुनिया की सब महिलाओं के,
तब चहरे पर लाली होगी।।

दुख का कहीं न बिम्ब रहेगा,
हरसू ही खुश हाली होगी।।

सच्ची वही दिवाली होगी।।
घर घर जब खुशहाली होगी।।

बृंदावन राय सरल सागर

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