ये तो इंसाफ नहीँ है
गार्ड गार्ड हमारे पहरेदार
इन पर हमको है अभिमान
हमारे सुरक्षा प्रहरी पहरेदार
हम इनको करें सलाम
.गार्ड गार्ड हमारे पहरेदार
हम बेफिक्र हो सौ जाते
रात भर जाग पहरा देते
दिन रात हमारी खिदमत में
गार्ड गार्ड हमारे पहरेदार
पापी पेट के खातिर देखों
क्या क्या सह रहें आज
एक पेर खड़े काम करे दिनरात
बारह घंटे काम ये करते
तनखा दो सौ रुपया रोज
सरकारी फरमान का देखों
उड़ रहा केसा मूखोल
तीन सौ बहतर सरकारी मजदूरी
इनका मिलता दो सौ
इनके पेट पर पड़ रही लात
ये तो इंसाफ नहीँ है
रहते यहां पर कानून के ठेकेदार
एम.पी.,एम.एल.ए. पार्षद
क्या नजर इन्हे नहीँ आता
इनके शोषण के खिलाफ
कोई आवाज क्यों नहीँ उठाता
इनके पेट पर पड़ रही लात
क्यों इनको समझ नहीँ आता
ये तो इंसाफ नहीँ है
निर्दोष "लक्ष्य" की कलम ने
अब तो आवाज उठाई
शोषण के खिलाफ
कलम कॊ तलवार बनाई
अब तो एक एक अखबार में
ये आवाज छपेगी
अब तो पूरे भारत में
ये आवाज गूंजेगी
ये तो इंसाफ नहीँ है
ये तो इंसाफ नहीँ है
निर्दोष लक्ष्य जैन
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