कवि श्याम कुँवर भारती द्वारा 'भोजपुरी गजल का फायदा' विषय पर रचना

भोजपुरी गजल- का फायदा |
दिल दुखावे वाला तनी सुन ला जरा |
जब दिल से दिल लगवलु ना कबों | 
बात दिल अब कईला से का फायदा |
बनके भवरा फूल बाग महकावत रही | 
जब उजड़ल बाग जान बसवलु ना कबों |
मांग सिंदूर मे सजवला से का फायदा |
कहली प्यार उजियार तू जवार ना करा | 
लोगबाग जनिहे बड़ा रुसवाई होई |
खुलल राज अब छुपवला से का फायदा |
जान लेला मंजूर बाकी ठुकरावा ना हमे |
टुटल दिल के दुखावल ठीक नईखे | 
फाटल चादर अब सिववला से का फायदा |
केतना कहली आँख ना मिलावा कबों |
लड़ गईल भारती जब नजर से नजर |
अब आँख बचवला से का फायदा  |
रखब दिल मे तोहके आपन जान जइसन|
आके मिल जा तू फेर एक बार |
अब शिकवा शिकायत सुनवले से का फायदा|   
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी 
बोकारो झारखंड

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