भास्कर सिंह माणिक, कोंच जी द्वारा विषय मानव अधिकार पर विशेष रचना#

मंच को नमन
दिनांक -१०-१२-२०
विषय -मानव अधिकार दिवस
        अधिकार
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अपने  अधिकार को पहचानो।
अपने दिल की बात को मानो।।


संतोष   करो  खाकर  आधी
पूजा  वही जिसने राह साधी
जो करते हैं शोषण या सहते
दोनों   ही  होते  हैं  अपराधी

बंधु असत सत्य को पहचानो।
अपने  अधिकार को पहचानो।।

मानव  हो  मानव से प्यार करो
कभी न आपस में तकरार करो
मनाएं  मानव  अधिकार दिवस 
तुम दीन -हीन पर उपकार करो

बंधु यश अपयश को पहचानो।
अपने  अधिकार को पहचानो।।

तम  है  तो  निश्चय  प्रकाश  होगा
दुख  है  तो  सुख  का  वास होगा
डरना क्या मरना एक दिन सबको
सुकर्म  का  अमिट  इतिहास होगा

 तुम मन के भाव को पहचानो।
अपने अधिकार  को पहचानो।।
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मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
            भास्कर सिंह माणिक, कोंच

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