कुमारी चंदा देवी स्वर्णकार जी द्वारा अद्वितीय रचना#आत्मनिर्भर भारत की उड़ान#

आत्मनिर्भर भारत की उड़ान विज्ञान एवं तकनीकी में योगदान

 जय हिंद जय भारत


भारत देश महान है
 कला संस्कृति की खान है।
शिक्षा संस्कारों की बात ही क्या
जीरो भी दशमलव को बतलाया है।
साक्षी है इतिहास के पन्ने
 हर पल बढ़ते इसके चरण
नया दर्पण करते तैयार
वाइब्ररीडीजेट से कोई ना बनता।
वेद शास्त्रों को ज्ञाता है भारत में जन्मा
 ऋषि मुनि महान हुए हैं
 सुश्रुषसे सेवा चिकित्सक।
 चिकित्सा पद्धति का ज्ञान कराते
 शिक्षा की अनुपम है बात।
आत्म निर्भरता दिलाती हैं।
 गणितीय घटना ओंको करने।
तकनीकी गणना में स्थान दिलाया।
 आज की युग की बात करें तो
कलाम जैसे अविष्कारकर्ताओंने
 अपना सर्वस्व सौंप दिया
 तकनीकों को उन्नत करने
 भारत में महान योगदान दिया
अग्नि जैसे मिसाइल बना कर
विश्व पटल पर नाम रोशन किया।
भारत का हर युवक अब वैज्ञानिकों को जानता है
विज्ञान और तकनीकी में अपना झंडा फहराता है
आत्मनिर्भर कहलाता आत्मनिर्भर बना था आप निर्भर से जीता है
जय जय भारत देश जय जय तकनीकी जय जय प्रौद्योगिकी जय जय शक्ति
 मेरा भारत महान
कुमारी चंदा देवी स्वर्णकार

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