कवि रूपक द्वारा 'ऐसा प्यार' विषय पर रचना

ऐसा प्यार.....

मत करना मुझसे तुम प्यार 
अगर तुम्हारी इच्छा है कि
 कॉफी शॉप में चाय / कॉफी पीने की तो
फिर मत करना मुझसे तुम प्यार।

मत करना मुझसे तुम प्यार
अगर तुम्हारी इच्छा है कि
कोई पांच सितारा होटलों मे भोजन करने की तो
फिर मत करना मुझसे तुम प्यार।

मत करना मुझसे तुम प्यार
अगर तुम्हारी इच्छा है कि 
वातानुकूलित थियेटर में सिनेमा देखने की तो
फिर मत करना मुझसे तुम प्यार।

माना तुम्हारा शौक  अमीर / रईसों जैसा है
मैं कोई अंबानी या अडानी का बेटा नहीं
मैं एक गरीब किसान का एक साधारण बेटा हूं
मैं तुम्हारे लिए ये सब नहीं कर पाऊंगा
इसलिए मुझसे मत करना तुम प्यार।

          (  2  )

हां अगर तुमको सच्चा प्यार पाना हो तो
फिर करना मुझसे तुम प्यार
मैं अथाह/ अनंत प्राण से भी ज्यादा प्यार करूंगा
हां अगर ऐसा प्यार पाना हो तो 
फिर करना मुझसे तुम प्यार।

मैं तुमसे कोई मतलब का इश्क़ नहीं
हमेशा तुमसे बेमतलब का इश्क़ करूंगा 
हां अगर ऐसा प्यार पाना हो तो 
फिर करना मुझसे तुम प्यार।

मैं तुमको सिर्फ सुख के पल ही नहीं
सदा दुख के पल में भी साथ निभाऊंगा
हां अगर ऐसा प्यार पाना हो तो
फिर करना मुझसे तुम प्यार।

जरूरत के वक्त मैं 
एक मां जैसा ही तुमको प्यार करूंगा
हां अगर ऐसा प्यार पाना हो तो
फिर करना मुझसे तुम प्यार।

तुम्हारे आंखों से यदि कोई भी आंसू बहेंगे
उसको बहने से पहले अपनी आंखों से बहाऊंगा
हां अगर ऐसा प्यार पाना हो तो
फिर करना मुझसे तुम प्यार।
© रुपक

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