राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच सप्ताहिक प्रतियोगिता,
दिनांक 30 12 2020
विषय . नववर्ष तुम्हारा अभिनंदन,
विधा . मुक्त कविता
सुख, सुयश समृद्धि से,
हे युग तेरी शुरुआत हो,
प्रीत, गीत, मनमीत सब,
तेरे ही आस-पास हो,
जीवन सुगंधित हो सभी का,
खिले फूल खुशियों का चमन,
हे हर्ष तुम्हारा अभिनंदन।
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।
बिन मांगी मुराद सा,
कभी अधूरे ख्वाब सा,
एक दर्द पर तुम,
भाव सा,
समता के शंखनाद सा,
कर्तव्य के प्रति प्रीत हो,
ऐसा ही हम करते जतन,
आदर्श तुम्हारा अभिनंदन।
नववर्ष तुम्हारा अभिनंदन।
बीते दिनों की कटु के यादें,
दिल पर उठती टीश सी,
जब एक विदेशी वायरस ने,
अपनों की जिंदगी लील ली,
उस आह और चित्तकार से
घायल है अभी मेरा मन पर,
समभाव मुझ में बनी रहे,
करता यह मन ऐसा जतन,
जा वर्ष तुमको भी नमन,
नववर्ष तुम्हारा अभिनंदन..।।
सुधा तिवारी
देवरिया. उत्तर प्रदेश
मौलिक, स्वलिखित, अप्रकाशित रचना
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