मधुअरोड़ा जी द्वारा विषय मैं बीमा हूँ पर विशेष रचना#

मैं बीमार हूँ
   मानसिकता बीमार जिसकी 
   वह होता बीमार है 
   शारीरिक बीमारी तो
   ठीक होती दवाओं से 
   सोच जिसकी है छोटी
   उसका भला क्या कीजिए
    जिसके हृदय रावण बसा 
    राम को लाना होगा 
    प्रेम का पाठ पढ़ाना होगा 
    मानसिकता बीमार जिसकी
   उसका भला क्या कीजिए
    क्रोध मोह लोभ लालच 
    मद अहंकार निंदा को तज
    सौहार्द भाव लाना होगा
    मानसिकता बीमार जिसकी
    उसका भला क्या कीजिए 
    आओ हम कोशिश करें 
    खुद से ही शुरुआत करें 
    अपने विकारों को दूर कर 
     जीवन की सुंदर शुरुआत करें।
                   मधुअरोड़ा
                   26.6.2021

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