मधु अरोड़ा जी द्वारा विषय रंग रसिया पर अद्वितीय रचना#

रंग रसिया
 कविता
तुमसे प्यार किया रंग रसिया  
 बसे हो मेरे मन बसिया 
दिल ,धड़कन ,आत्मा में तुम हो 
जित देखूं ‌उत ओर तुम हो
ओ मुरारी ओ त्रिपुरारी,
तुम बिन सुनी सुनी गलियां ,
 कहां छुपे हो आओ मोहन ,
 नजरों से अपना बना लो मोहन 
 तुमसे प्यार किया रंग रसिया, 
 तेरी मुरलिया की धुन खींचे।
  अपने प्यार में पागल कर दे ,
  मैं बावरिया घर छोड़ के आई 
  दूध उफनता छोड़ के आई 
 रंगरसिया तू न समझे
 तेरी छवि मोहे पागल कर दे
 मन में मेरे आकर्षण भर दे ।
 खींची आऊं मैं ‌दर पर तेरे, 
 प्यार का मीठा रंग‌‌ वो भर दे ।
 रंग रसिया मेरे मन बसिया,
 तेरी छवि मोहे दीवाना कर दे।।
                    मौलिक और स्वरचित
                    मधु अरोड़ा

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