रंग रसिया
तुमसे प्यार किया रंग रसिया
बसे हो मेरे मन बसिया
दिल ,धड़कन ,आत्मा में तुम हो
जित देखूं उत ओर तुम हो
ओ मुरारी ओ त्रिपुरारी,
तुम बिन सुनी सुनी गलियां ,
कहां छुपे हो आओ मोहन ,
नजरों से अपना बना लो मोहन
तुमसे प्यार किया रंग रसिया,
तेरी मुरलिया की धुन खींचे।
अपने प्यार में पागल कर दे ,
मैं बावरिया घर छोड़ के आई
दूध उफनता छोड़ के आई
रंगरसिया तू न समझे
तेरी छवि मोहे पागल कर दे
मन में मेरे आकर्षण भर दे ।
खींची आऊं मैं दर पर तेरे,
प्यार का मीठा रंग वो भर दे ।
रंग रसिया मेरे मन बसिया,
तेरी छवि मोहे दीवाना कर दे।।
मौलिक और स्वरचित
मधु अरोड़ा
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