आरती तिवारी सनत जी द्वारा अद्वितीय रचना#बोध गया#

*बोध गया* *संस्मरण  ---यात्रा*
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राज्य बिहार 
गया जिले से लगा हुआ फल्गु नदी के तट पर बसा एक छोटा सा शहर ....!
लगभग 500ई .पू़.गौतम बुद्ध बोधि वृक्ष के नीचे  तपस्या करने बैठे 
तीन दिन और रात के बाद ग्यान प्राप्त हुआ 
 तभी से वह   गौतम बुद्ध कहलाये ,
 6 सप्ताह अलग अलग जगहों पर 
ध्यान के बाद 
 सारनाथ में जाकर धर्म का प्रचार शुरू किया .......!!
तभी से बौद्व अनुयायियों के लिए
अत्यन्त  महत्वपूर्ण है  
बौद्व आस्था का  प्रमुख स्थल बन गया 
 वर्तमान में जो बोधि  वृक्ष ........वह उस बोधि वृक्ष की पाँचवी पीढ़ी है  .....|
महाबोधि मंदिर कायह संबंध  बुद्ध की मूर्ति  से है ..... |

यहाँ तिब्ब्तियन मठ ,थाई मठ  सोने की कलई से ऊपरी  परत
कहलाता गोल्डन मठ
जापानी मंदिर ,चीनी मंदिर ,भूटानी मंदिर ,
नया वियतनामी मंदिर 
विभिन्न धर्म सम्प्रदाय के लोग शाँति के लिए आते ....  !
पक्षियों की कलरव 
चहचहाट के बीच 
"बुद्धम शरणम्  गच्छामि की ध्वनी मन को मानसिक शाँति देती  ..... !
भारत की सबसे ऊँची
बुद्ध की  मूर्ति 6 फीट
उँची कमल के पुष्प पर निर्मित 10 फुट ऊँचे आधार पर 
2002 में यूनेस्को ने बोध गया को 
"विश्व विरासत " स्थल 
घोषित किया  |
बैशाख की पूर्णिमा को यहाँ गौतम बुद्ध की जयन्ती मनाई जाती है 
अद्भुत सजावट होती है ,अपलक निहारते रह जायें ... .!
भगवान बुद्ध की तप स्थली  देश से ज्यादा विदेशों से आते हैं बौद्व भिक्षु यहाँ  उनका
 सबसे  बड़ा तीर्थ स्थल है  |
 
महेन्द्र नाथ धर्म पत्नी किरण के साथ 
अश्विन माह कृष्ण पक्ष 
ता.19  गुरूवार को
महाबोधि मंदिर का दर्शन  कर  हुए 
कृतार्थ  ... !
धन्य है भारत की भूमि   .... .......  अध्यात्म  यहाँ का
 देश ही नहीं विदेशों  को भी  ..   ....
आकर्षित करती  
सभ्यता, संस्कृति 
इस धरा पर हर बार जनम हो ......!
 यही कामना करते हैं 
लेते हैं अब विदा  
"सनत " फिर आना हो दुबारा  ... 
 वक्त तुम साथ निभाना  ...  !!!!


आरती तिवारी सनत 
बोध गया की यात्रा

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